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The Basic Principles Of baglamukhi

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उनको पीले पुष्प अर्पित करें। पीले प्रसाद का भोग लगाएं। फिर भक्ति भाव से बगलामुखी चालीसा का पाठ करें। एकादशशतं यावत्‌ पुरश्चरणमुच्यते॥ ३५ ॥ रक्षां करोतु सर्वत्र गृहेऽरण्ये सदा मम॥ ५ ॥ सरम्भे चैरसंघे प्रहरणसमये बन्धने वारिमध् ये, विद्यावादे विवादे प्रकुपितनृपतौ दिव्यकाले निषायाम्। By comprehension the origins of the enigmatic https://wardw863oru5.prublogger.com/30061710/the-greatest-guide-to-baglamukhi

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