मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है, हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। “मैंने तो हमेशा ही तुझसे महोब्बत की है, मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं…” इक समुंदर कह रहा था मुझ https://youtu.be/Lug0ffByUck